‘योग’ शब्द संस्कृत की युज् धातु से बना है जिसका अर्थ है जोड़ना। जैसा कि दीपक चोपड़ा और डेविड साइमन इस प्रेरणास्पद पुस्तक में बताते हैं–योग शरीर, मस्तिष्क और आत्मा के संयोग के साथ-साथ हमें ब्रह्मांड की महत्तर लय के संसर्ग में लाता है। भारत में जन्मा और आयुर्वेद का केंद्रीय तत्व योग हमारी उपचार की सबसे प्राचीन पद्धति है। यह मात्र शारीरिक अभ्यास न होकर संतुलित जीवन जीने का ऐसा परिपूर्ण विज्ञान है, जो उच्चतर ज्ञान, परिपू्र्ण आनंद और संपूर्ण शक्ति का स्त्रोत है। जब इसे लगन और निष्ठा से किया जाएगा तब योग के सात आध्यात्मिक नियम में वर्णित योग की शैली और दर्शन आपकी सृजनात्मक प्रतिभा, आपकी प्रेम तथा करुणा की क्षमता और आपके जीवन के प्रत्येक क्षेत्र की सफलता की कुंजी बन जाएगा।
१. | योग एकता है | |
२. | आत्मा का अनुसंधान | |
३. | योग का राज मार्ग | |
४. | योग के सात आध्यात्मिक नियम | |
भाग २ : ध्यान और प्राणायाम | ||
५. | ध्यान : अशांत मन को शांत करना | |
६. | शक्ति का प्रवाह : प्राणायाम और बंध | |
भाग ३ : योग साधना | ||
७. | गति में चेतना : योगासन | |
८. | योगाभ्यास के सात आध्यात्मिक नियम |
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